श्री राम रक्षा स्तोत्र Shree Ram Raksha Stotra I ANURADHA PAUDWAL I Full Audio Song
109,722,845
Published 2012-08-25
Listen to Anuradha Paudwal singing the most powerful Stotra ''Ram Raksha Stotra''
Album: Ram Raksha Stotra Stuti And Bhajan
Singer: Anuradha Paudwal
If You like the video don't forget to share with others & also share your views.
Stay connected with us!!!
► Subscribe: youtube.com/tseriesbhakti
► Like us on Facebook: www.facebook.com/BhaktiSagarTseries/
► Follow us on Twitter: twitter.com/tseriesbhakti
For Spiritual Voice Alerts, Airtel subscribers Dial 589991 (toll free)
To set popular Bhakti Dhun as your HelloTune, Airtel subscribers Dial
All Comments (21)
-
श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ या श्रवण न सिर्फ़ मन को शान्ति देता है अपितु श्री राम की मूसलाधार कृपा बरसती है आपके जीवन में। मैं पिछले २२ वर्षों से ( जैसा कि मुझे याद है) इस महामंत्र का प्रतिदिन पाठ या श्रवण करता हूँ और प्रभु ने मेरी सारी मनोकामनाएँ पूरी कीं हैं । जय जय श्री सीता राम 👍🌺
-
Meri beti 15 year ki hai 16 din se ICU me admit h mere bachhi ke liy pray kariye 😢vo jald thik ho jay
-
🙏🌺गणपती बाप्पा मोरया 🌺🙏🙏🌼ओम नमः शिवाय 🌼🙏🙏🌼ओम नमः शिवाय 🙏🌼🌹श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई श्री गुरुदेव दत्त श्री स्वामी समर्थ आई 🌹🙏🚩🚩
-
राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री
-
राम रक्षा स्तोत्र: चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम्। एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्।। ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्। जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं।। सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम्। स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम्।। रामरक्षां पठेत प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्। शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः।। कौसल्येयो दृशो पातु विश्वामित्रप्रियः श्रुति। घ्राणं पातु मखत्राता मुखं सौमित्रिवत्सलः।। जिह्वां विद्यानिधिः पातु कण्ठं भरतवन्दितः। स्कन्धौ दिव्यायुधः पातु भुजौ भग्नेशकार्मुकः।। करौ सीतापतिः पातु हृदयं जामदग्न्यजित। मध्यं पातु खरध्वंसी नाभिं जाम्बवदाश्रयः।। सुग्रीवेशः कटी पातु सक्थिनी हनुमत्प्रभुः। उरु रघूत्तमः पातु रक्षःकुलविनाशकृताः।। जानुनी सेतुकृत पातु जंघे दशमुखांतकः। पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामअखिलं वपुः।। एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृति पठेत। स चिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत्।। पातालभूतल व्योम चारिणश्छद्मचारिणः। न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः।। रामेति रामभद्रेति रामचंद्रेति वा स्मरन। नरौ न लिप्यते पापैर्भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति।। जगज्जैत्रैकमन्त्रेण रामनाम्नाभिरक्षितम्। यः कण्ठे धारयेत्तस्य करस्थाः सर्वसिद्धयः।। वज्रपञ्जरनामेदं यो रामकवचं स्मरेत। अव्याहताज्ञाः सर्वत्र लभते जयमंगलम्।। आदिष्टवान् यथा स्वप्ने रामरक्षामिमां हरः। तथा लिखितवान् प्रातः प्रबुद्धो बुधकौशिकः।। आरामः कल्पवृक्षाणां विरामः सकलापदाम्। अभिरामस्त्रिलोकानां रामः श्रीमान स नः प्रभुः।। तरुणौ रूपसम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ। पुण्डरीकविशालाक्षौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ।। फलमूलाशिनौ दान्तौ तापसौ ब्रह्मचारिणौ। पुत्रौ दशरथस्यैतौ भ्रातरौ रामलक्ष्मणौ।। शरण्यौ सर्वसत्वानां श्रेष्ठौ सर्वधनुष्मताम्। रक्षःकुलनिहन्तारौ त्रायेतां नो रघूत्तमौ।। आत्तसज्जधनुषाविषुस्पृशा वक्ष याशुगनिषङ्गसङ्गिनौ। रक्षणाय मम रामलक्ष्मणावग्रतः पथि सदैव गच्छताम।। सन्नद्धः कवची खड्गी चापबाणधरो युवा। गच्छन् मनोरथान नश्च रामः पातु सलक्ष्मणः।। रामो दाशरथी शूरो लक्ष्मणानुचरो बली। काकुत्स्थः पुरुषः पूर्णः कौसल्येयो रघूत्तमः।। वेदान्तवेद्यो यज्ञेशः पुराणपुरुषोत्तमः। जानकीवल्लभः श्रीमानप्रमेयपराक्रमः।। इत्येतानि जपन नित्यं मद्भक्तः श्रद्धयान्वितः। अश्वमेधाधिकं पुण्यं सम्प्राप्नोति न संशयः।। रामं दुर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम। स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नरः।। रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापतिं सुन्दरं काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम।। राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शांतमूर्तिं वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम।। रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः।। श्रीराम राम रघुनन्दन राम राम। श्रीराम राम रणकर्कश राम राम। श्रीराम राम शरणं भव राम राम।। श्रीराम चन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि श्रीराम चंद्रचरणौ वचसा गृणामि। श्रीराम चन्द्रचरणौ शिरसा नमामि श्रीराम चन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये।। माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः । सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं जाने नैव जाने न जाने।। दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मज। पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्।। लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथं। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।। मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये।। कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम। आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम।। आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।। भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्। तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम्।। रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः।। रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोस्म्यहं रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धराः।। राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।
-
Mene apni pure pregnancy period mein yeh stotram roj suna karti thi..pravu ki kripa se mujhe ek beta hua🙏..Jay siya Ram 🙏
-
Jay shree ram jay jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree ram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram jay shree sitaram apki kripa hum par hamesha ke liye banaye❤❤❤❤❤❤❤❤❤
-
जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय राम जय जय माता दी सब पर कृपा करें अपने बच्चे अक्षय चन्द्र को मनचाहा सरकारी नौकरी दिला दे मां सरस्वती मां काली मां लक्ष्मी जय बाबा भैरवनाथ सब मनोकामना पूर्ण करें
-
Mein ICU mein jaane wala hoon Meri condition bohot kharab hai issiliye aap bhagwan se pray karen ki mein jaldi thik ho jau😢😢
-
Me pregnant hu 4th month running h kripya mere bcche k liye pray kriye healthy aur wealthy ho sab thik ho jaye🙏🏻
-
अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान कीलकम। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः। अथ ध्यानम्: ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपद्मासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम्। वामांकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं नानालंकार दीप्तं दधतमुरुजटामंडलं रामचंद्रम। राम रक्षा स्तोत्र: चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम्। एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्।। ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्। जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं।। सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम्। स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम्।। रामरक्षां पठेत प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्। शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः।। कौसल्येयो दृशो पातु विश्वामित्रप्रियः श्रुति। घ्राणं पातु मखत्राता मुखं सौमित्रिवत्सलः।। जिह्वां विद्यानिधिः पातु कण्ठं भरतवन्दितः। स्कन्धौ दिव्यायुधः पातु भुजौ भग्नेशकार्मुकः।। करौ सीतापतिः पातु हृदयं जामदग्न्यजित। मध्यं पातु खरध्वंसी नाभिं जाम्बवदाश्रयः।। सुग्रीवेशः कटी पातु सक्थिनी हनुमत्प्रभुः। उरु रघूत्तमः पातु रक्षःकुलविनाशकृताः।। जानुनी सेतुकृत पातु जंघे दशमुखांतकः। पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामअखिलं वपुः।। एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृति पठेत। स चिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत्।। पातालभूतल व्योम चारिणश्छद्मचारिणः। न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः।। रामेति रामभद्रेति रामचंद्रेति वा स्मरन। नरौ न लिप्यते पापैर्भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति।। जगज्जैत्रैकमन्त्रेण रामनाम्नाभिरक्षितम्। यः कण्ठे धारयेत्तस्य करस्थाः सर्वसिद्धयः।। वज्रपञ्जरनामेदं यो रामकवचं स्मरेत। अव्याहताज्ञाः सर्वत्र लभते जयमंगलम्।। आदिष्टवान् यथा स्वप्ने रामरक्षामिमां हरः। तथा लिखितवान् प्रातः प्रबुद्धो बुधकौशिकः।। आरामः कल्पवृक्षाणां विरामः सकलापदाम्। अभिरामस्त्रिलोकानां रामः श्रीमान स नः प्रभुः।। तरुणौ रूपसम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ। पुण्डरीकविशालाक्षौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ।। फलमूलाशिनौ दान्तौ तापसौ ब्रह्मचारिणौ। पुत्रौ दशरथस्यैतौ भ्रातरौ रामलक्ष्मणौ।। शरण्यौ सर्वसत्वानां श्रेष्ठौ सर्वधनुष्मताम्। रक्षःकुलनिहन्तारौ त्रायेतां नो रघूत्तमौ।। आत्तसज्जधनुषाविषुस्पृशा वक्ष याशुगनिषङ्गसङ्गिनौ। रक्षणाय मम रामलक्ष्मणावग्रतः पथि सदैव गच्छताम।। सन्नद्धः कवची खड्गी चापबाणधरो युवा। गच्छन् मनोरथान नश्च रामः पातु सलक्ष्मणः।। रामो दाशरथी शूरो लक्ष्मणानुचरो बली। काकुत्स्थः पुरुषः पूर्णः कौसल्येयो रघूत्तमः।। वेदान्तवेद्यो यज्ञेशः पुराणपुरुषोत्तमः। जानकीवल्लभः श्रीमानप्रमेयपराक्रमः।। इत्येतानि जपन नित्यं मद्भक्तः श्रद्धयान्वितः। अश्वमेधाधिकं पुण्यं सम्प्राप्नोति न संशयः।। रामं दुर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम। स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नरः।। रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापतिं सुन्दरं काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम।। राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शांतमूर्तिं वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम।। रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः।। श्रीराम राम रघुनन्दन राम राम। श्रीराम राम रणकर्कश राम राम। श्रीराम राम शरणं भव राम राम।। श्रीराम चन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि श्रीराम चंद्रचरणौ वचसा गृणामि। श्रीराम चन्द्रचरणौ शिरसा नमामि श्रीराम चन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये।। माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः । सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं जाने नैव जाने न जाने।। दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मज। पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्।। लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथं। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।। मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये।। कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम। आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम।। आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
-
Jai Sita Ram💐🙏🙏💐
-
🪔जिनके मन में श्रीराम हैं, भाग्य में उनके बैकुंठधाम है उनके चरणों में जिसने जीवन वार दिया संसार में उसका कल्याण है श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा की मंगलकामनाएं! 🚩🚩📿🌼🛕🌼📿🚩🚩
-
राम रक्षा आत्मा मे बसती है बार बार सुनने का मन करता है सदा सब की रक्षा करते है रामजी जय श्री राम
-
Shree ram ❤❤ jai ram ❤❤ jai jai ram ❤❤ jai siya ram ❤❤ jai hanuman ji ❤❤ kirpa karo mare ram ji ❤❤
-
Ram Raksha stotra ekalya nantar manala shanti milate Anuradha paudwal ne atti sunder Avajat mhatale ahe atti sunder jay shri ram jay jay ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
-
Mai 8 mnths pregnent hu pls ramji sbkch achee se ho jaye..🙏
-
Pray for my baby iam 2 months pregnant..keep healthy and long life..to my baby 🙏🌸...jay shree ram...
-
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय
-
जय श्री राम 🙏 हे प्रभु मुझे कष्टों से मुक्ति दे दो 🙏 हनुमान दादा मुझे ठीक कर दो जय श्री राम 🙏